त्रिवेंद्र सिंह रावत के गृह क्षेत्र में धामी ने किया जल संरक्षण व संवर्धन योजना का लोकार्पण

Edited By Nitika, Updated: 15 Jun, 2024 01:41 PM

dhami inaugurated the water conservation scheme

उत्तराखंड के हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के नव निर्वाचित सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के गृह क्षेत्र डोईवाला में बहने वाली सौंग नदी के बाएं तट पर, कालूवाला स्थित जौली नहर के हेड पर शुक्रवार को जल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक नई...

 

देहरादूनः उत्तराखंड के हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के नव निर्वाचित सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के गृह क्षेत्र डोईवाला में बहने वाली सौंग नदी के बाएं तट पर, कालूवाला स्थित जौली नहर के हेड पर शुक्रवार को जल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक नई इबारत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिख दी।

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पुष्कर सिंह धामी ने यहां कालूवाला में जल संरक्षण अभियान के तहत, जल संरक्षण और संर्वद्धन योजना का लोकार्पण किया। स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन प्राधिकरण (सारा) द्वारा नाबार्ड मद के अन्तर्गत, लगभग 03 करोड़, 80 लाख रुपए की लागत से यह योजना पूर्ण की गई है। इस अवसर पर, उन्होंने जल संरक्षण अभियान-2024 की मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया। साथ ही, पौधा रोपण भी किया। धामी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में जल के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। इसके लिए सरकार के प्रयासों के साथ ही जनसहभागिता की भी आवश्यकता है। राज्य में नौले, धारे, नदियां जैसी अमूल्य संपदा है। उन्होंने कहा कि हम सभी को पहाड़ का पानी और जवानी राज्य के ही काम आएं, इसका संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि जहां जल प्रवाहमान होता है, वहां जीवन भी प्रकाशवान होता है। हमें भविष्य की चुनौतियों का समाधान अतीत के पुनर्जागरण के साथ करना होगा। जल संवर्द्धन की पहल को जीवन से जुड़ा विषय बताते हुए उन्होंने कहा कि यदि जल समाप्त हो गया तो जीवन भी समाप्त हो जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जल संकट पूरे विश्व के लिए चुनौती बना हुआ है। अनियंत्रित प्रयोग से जल के स्रोत तेजी से समाप्त हो रहे हैं। जल संरक्षण सप्ताह का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को जल प्रबंधन के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल संरक्षण के प्रति गंभीर है। जल संरक्षण के लिए विभिन्न विभागों को सम्मिलित किया जा रहा है। इन प्रयासों को अधिक बल देने के उद्देश्य से 'सारा' का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि सारा द्वारा लगभग 500 पेयजल योजनाएं और 200 जलधाराएं चिन्हित की गई हैं, जिन्हें पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल का संचय करने वाले बांज के वृक्ष समाप्त हो रहे हैं और आगजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि अपनी भावी पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए हमें जल और वनों का संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण करना होगा।

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विभागीय मंत्री सतपाल सिंह रावत उर्फ महाराज ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन के कारण जलस्रोत लगातार सूख रहे हैं। जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए जिस योजना का लोकार्पण किया गया है, इस योजना से कालूवाला, बड़ोवाला, भारूवाला, भंगनाला एवं जौलीग्रांट के लगभग 06 हजार ग्रामवासियों के खेतों की सिंचाई होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच के कारण उत्तराखण्ड में सारा प्राधिकरण का गठन किया गया है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जल संरक्षण और संवर्द्धन केवल सरकारी प्रयासों से ही सम्भव नहीं है। इसमें जन सहभागिता जरूरी है। सबको जल का सही उपयोग करना होगा। तापमान तेजी से बढ़ रहा है। जल स्तर घट रहा है। हमें जल संरक्षण को मिशन मोड में लेना होगा।

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