Edited By Pooja Gill, Updated: 02 Mar, 2025 12:23 PM
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Chamoli Avalanche: 28 फरवरी को माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन के बाद से लगातार रेस्क्यू अभियान जारी है। इस घटना के बाद अब सवाल खड़े होने लगे है। दरअसल, मजदूरों के आवास हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र में बने थे
Chamoli Avalanche: 28 फरवरी को माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन के बाद से लगातार रेस्क्यू अभियान जारी है। इस घटना के बाद अब सवाल खड़े होने लगे है। दरअसल, मजदूरों के आवास हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र में बने थे, यहां पर पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, बर्फीले तूफान कई बार आ चुके है। अब सवाल ये उठ रहे है कि आखिर ऐसी जगह पर ही क्यों आवास बनाए गए?
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हादसे में हुई चार की मौत
बता दें कि शुक्रवार सुबह माणा गांव से करीब तीन किमी आगे माणा पास में सुबह छह बजे हिमस्खलन हो गया। यहां पर निवास कर रहे 55 श्रमिक इसकी चपेट में आ गए। सेना और आईटीबीपी ने दो दिन से यहां रेस्क्यू अभियान चलाकर अधिकांश श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया है। लेकिन, इस हादसे में चार श्रमिक की मौत हो गई।
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हादसे के बाद उठ रहे कई सवाल
इस हिमस्खलन के बाद अब बीआरओ की कार्यदायी संस्था बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। संस्था के ठेकेदार ने श्रमिकों के निवास के लिए ऐसी जगह का चयन किया जो आपदा के लिहाज से पहले से संवेदनशील रहा है। जहां मजदूर रुके हुए थे वह स्थान पहाड़ी के ठीक नीचे है, इसीलिए एवलांच ने सभी मजदूरों को अपनी चपेट में ले लिया और चार लोगों जान ले ली।