Edited By Vandana Khosla, Updated: 22 Feb, 2025 10:28 AM

देहरादूनः उत्तराखंड सरकार ने राज्य के शहीद सैनिकों के आश्रितों के लिए सरकारी नौकरी में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की समयसीमा को दो से बढ़ाकर अब पांच वर्ष कर दिया है। शुक्रवार को राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी...
देहरादूनः उत्तराखंड सरकार ने राज्य के शहीद सैनिकों के आश्रितों के लिए सरकारी नौकरी में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की समयसीमा को दो से बढ़ाकर अब पांच वर्ष कर दिया है। शुक्रवार को राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पूरे मंत्रिमंडल का इसके लिए आभार व्यक्त किया। कैबिनेट की 19 फरवरी को हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। प्रेस को जारी विज्ञप्ति में मंत्री जोशी ने कहा कि राज्य सरकार की इस नीति के अन्तर्गत अब तक 27 शहीद सैनिकों के परिवारों को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी दी जा चुकी है।
मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार का यह फैसला शहीदों के परिवारों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और सम्मान को दर्शाता है। इस निर्णय से न केवल परिवारों को आर्थिक संबल मिलेगा, बल्कि उन्हें समाज में एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्राप्त होगा। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 20 नवंबर 2018 को अधिसूचना जारी कर भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के उन शहीद सैनिकों जो उत्तराखंड के स्थायी निवासी थे, के परिवारों के लिए सरकारी सेवाओं में अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया था। इसके अन्तर्गत जिलाधिकारी कार्यालयों में समूह ‘ग' और ‘घ' के दो-दो पद सृजित किए गए।
पहले के नियमों के अनुसार, शहीद सैनिक के बैटल कैजुअल्टी प्रमाण पत्र जारी होने की तिथि से दो वर्ष के भीतर उनके आश्रितों को जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय में आवेदन करना अनिवार्य था, लेकिन कई परिवार इस अवधि में आवेदन नहीं कर पाते थे, जिससे वे इस योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाते थे। शहीद सैनिकों के परिवारों को अपने प्रियजन को खोने के बाद इस मानसिक आघात से उबरने में काफी समय लगता है। इस दौरान वे कई प्रशासनिक प्रक्रियाओं को भी पूरा नहीं कर पाते थे। इसके अलावा, अनेक शहीदों के बच्चे, कम उम्र के होने के कारण दो वर्ष के भीतर नौकरी के लिए आवेदन करने योग्य नहीं हो पाते। इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए धामी ने 26 जुलाई 2024 को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर इस समय सीमा को बढ़ाकर पांच वर्ष करने की घोषणा की थी। अब कैबिनेट से इस फैसले को मंजूरी मिलने के बाद यह नियम लागू कर दिया गया है।