Edited By Vandana Khosla, Updated: 17 Sep, 2024 03:53 PM
चमोलीः आज यानी मंगलवार को श्राद्ध पक्ष शुरू होते ही उत्तराखंड के श्री बद्रीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ गई है। इसी बीच अलकनंदा नदी के तट पर ब्रह्मकपाल में आज पूर्णिमा श्राद्ध के दिन दोपहर तक सैकड़ों तीर्थयात्रियों ने अपने पूर्वजों को...
चमोलीः आज यानी मंगलवार को श्राद्ध पक्ष शुरू होते ही उत्तराखंड के श्री बद्रीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ गई है। इसी बीच अलकनंदा नदी के तट पर ब्रह्मकपाल में आज पूर्णिमा श्राद्ध के दिन दोपहर तक सैकड़ों तीर्थयात्रियों ने अपने पूर्वजों को तर्पण दिया।
दरअसल,श्री बद्रीनाथ स्थित ब्रह्मकपाल के विषय में शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवान शिव को यहां पर ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली थी। वहीं आज यानी 17 सितंबर को मध्याह्न से पूर्णिमा श्राद्ध शुरू हो गया है। बताया गया कि आखिरी अमावस्या श्राद्ध 2 अक्टूबर बुधवार को संपन्न हो जाएगा। इसके पश्चात 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि पर्व शुरू होगा। वहीं इस मौके पर ब्रह्म कपाल से तीर्थ पुरोहित उमेश सती,दीनदयाल कोठियाल सहित अन्य पुरोहितों ने बताया कि ब्रह्म कपाल में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पितृदोष से मुक्ति तथा तर्पण श्राद्ध कार्य हेतु पहुंचते है।
तीर्थ पुरोहित ने कहा कि मानसून के चलते धाम में यात्रियों की कमी आ जाती है। लेकिन श्राद्ध पक्ष शुरू होते ही तथा नवरात्रि के दौरान श्री बदरीनाथ - केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो जाती है।