"उत्तराखंड की गोल्डन जुबली 2050 तक का विजन डॉक्यूमेंट बनाया जाए", सेतु आयोग की प्रथम बैठक में बोले CM

Edited By Vandana Khosla, Updated: 08 Apr, 2025 01:52 PM

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देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में सेतु आयोग की नीतिगत निकाय की प्रथम बैठक की। जिसमें सीएम धामी ने कहा कि सेतु आयोग द्वारा उत्तराखंड राज्य की गोल्डन जुबली 2050 तक का विजन डॉक्यूमेंट बनाया जाए। कहा कि आगामी...

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में सेतु आयोग की नीतिगत निकाय की प्रथम बैठक की। जिसमें सीएम धामी ने कहा कि सेतु आयोग द्वारा उत्तराखंड राज्य की गोल्डन जुबली 2050 तक का विजन डॉक्यूमेंट बनाया जाए। कहा कि आगामी 25 सालों में राज्य के विकास के लिए सुनियोजित प्लान बनाकर उसका क्रियान्वयन किया जाए। साथ ही प्रवासी उत्तराखंडियों को राज्य की विकास यात्रा से जोड़ने और राज्य में निवेश के लिए  प्रेरित करने की दिशा में भी कार्य किए जाएं।

"दो वर्ष, 10 वर्ष और 25 वर्ष की योजनाएं बनाई जाए"
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सेतु आयोग का महत्वपूर्ण योगदान होगा। सेतु आयोग द्वारा दो वर्ष का अल्पकालिक, 10 वर्ष का मध्यकालिक और 25 वर्ष की दीर्घकालिक योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि योजना बनाने के साथ ही उनके क्रियान्वयन और अनुश्रवण पर विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य में बागवानी और डेयरी क्षेत्र में कार्य की अपार संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सेतु आयोग के विशेषज्ञों द्वारा इस क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया जाए। युवाओं के कौशल विकास और आधुनिक प्रशिक्षण की दिशा में कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि सेतु आयोग को विभागों के उत्प्रेरक की भूमिका में कार्य करना होगा।

"राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में संभावनाओं पर बनाई जाए संक्षिप्त रिपोर्ट"
सीएम धामी ने कहा कि राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में संभावनाओं पर विषय विशेषज्ञों द्वारा संक्षिप्त रिपोर्ट बनाई जाए। जिससे विभागों को आगे कार्य करने के लिए सही दिशा मिले। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि, बागवानी, पर्यटन, ऊर्जा, औषधीय उत्पादों के क्षेत्र में कार्य करने की अनेक संभावनाएं हैं। कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर नीति बनाई जा रही है ताकि उनका धरातल पर बेहतर तरीके से क्रियान्वयन हो सके। इसी का परिणाम है कि सीएम छात्रवृत्ति योजना लागू होने के बाद विद्यालयों में छात्रों की संख्या बढ़ी है। बेहतर स्वास्थ्य योजनाओं से स्वास्थ्य सुविधाओं में अनेक सुधार हुए हैं, संस्थागत प्रसव में तेजी से वृद्धि हुई है।
 
"सेतु आयोग के कार्यों के आउटपुट शीघ्र राज्य के भीतर देखने को मिलेंगे"
मुख्य कार्यकारी अधिकारी शत्रुघ्न सिंह ने बताया सेतु आयोग का सुचारू रूप से संचालन हो रहा है। आयोग का मुख्य उद्देश्य राज्य के सामाजिक आर्थिक विकास को सशक्त बनाया है। एक माह के भीतर आयोग के कार्यों के आउटपुट राज्य के भीतर देखने को मिलेंगे। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या, प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, सलाहकार वित्त हनुमंत पंत, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन विशाल पराशर, सामाजिक कल्याण भावना सहित आयोग के सदस्य भी मौजूद रहे। 

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