उत्तराखंड में जंगल की आग से निपटने का अभियान जारी, आग लगाने की कोशिश करते 8 गिरफ्तार

Edited By Nitika, Updated: 29 Apr, 2024 12:11 PM

8 arrested for trying to set fire in uttarakhand

उत्तराखंड के जंगलों में भड़की आग बुझाने का अभियान रविवार को दूसरे दिन भी वायु सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से जारी रहा और अनेक स्थानों पर उस पर काबू पा लिया गया जबकि प्रदेश में जंगल में आग लगाने की कोशिश करते आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया।

 

देहरादूनः उत्तराखंड के जंगलों में भड़की आग बुझाने का अभियान रविवार को दूसरे दिन भी वायु सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से जारी रहा और अनेक स्थानों पर उस पर काबू पा लिया गया जबकि प्रदेश में जंगल में आग लगाने की कोशिश करते आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया।

नैनीताल जिला प्रशासन के अनुरोध पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम हल्द्वानी के लिए रवाना कर दी गई है, जिससे जरूरत पड़ने पर तत्काल उसकी मदद ली जा सके। उधर, वन अधिकारियों ने बताया कि हल्द्वानी, नैनीताल और चंपावत वन प्रभागों समेत प्रदेश के विभिन्न वन क्षेत्रों में भड़की आग को बुझाने के प्रयास युद्धस्तर पर किए जा रहे हैं। वन विभाग द्वारा जारी दैनिक बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटों में प्रदेश भर में जंगल में आग की आठ नई घटनाएं सामने आईं, जिनमें से चार कुमाऊं क्षेत्र में, दो गढ़वाल क्षेत्र में और दो अन्य वन्य क्षेत्रों में हैं। इन घटनाओं में 11.75 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ। अपर प्रमुख वन संरक्षक (वनाग्नि और आपदा प्रबंधन) निशांत वर्मा ने बताया कि भारतीय वन सर्वेक्षण की ओर से सुबह चंपावत, नैनीताल और हल्द्वानी वन प्रभाग में आग लगने का अलर्ट मिला था। उन्होंने बताया कि उनमें 60 प्रतिशत से ज्यादा जगहों पर आग बुझाई जा चुकी है जबकि बाकी स्थानों पर आग बुझाने के प्रयास जारी हैं। वर्मा ने हालांकि, कहा कि प्रदेश में वनों में आग की स्थिति नियंत्रण में है।

कुमाऊं क्षेत्र में वन में आग की स्थिति का शनिवार रात जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि नैनीताल के आस पास के जंगलों में लगी आग भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है। नैनीताल के पास लड़ियाकाटा और पाइन्स के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए एक एमआई-17 वी 5 हेलीकॉप्टर की सहायता ली गई। शुक्रवार सुबह लगी आग शाम तक पाइन्स स्थित हाईकोर्ट कॉलोनी के पास तक पहुंच गई थी तथा उससे क्षेत्र में यातायात भी प्रभावित हो रहा था। आग के वायु सेना के एक बेस के पास पहुंचने की आशंका को देखते हुए हेलीकॉप्टर की सेवाएं ली गईं, जिसने नैनी झील और भीमताल से पानी लेकर प्रभावित क्षेत्र में डाला। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि यह आग अब बुझ चुकी है।

कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने कहा कि प्रभावित वन क्षेत्रों में आग बुझाने के लिए वनकर्मियों के साथ ही हर वन प्रभाग को अतिरिक्त सरकारी वाहन उपलब्ध करवाए गए हैं। रावत ने कहा कि जंगलों में आग को बुझाने में वन पंचायत अधिकारियों के साथ ही स्थानीय लोगों की भी सहायता ली जा रही है क्योंकि वे ही इसके 'फर्स्ट रिस्पांडर' होते हैं। गढ़वाल के प्रभागीय वन अधिकारी स्वप्निल अनिरुद्ध ने पौड़ी में संवाददाताओं को बताया कि वनों में आग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए वन विभाग के कर्मचारी पहाड़ों में गांव-गांव जा रहे हैं। उनके मुताबिक, लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को बताया जा रहा है कि आसपास के क्षेत्र में जंगल में आग लगने की सूचना तत्काल वन अधिकारियों तक पहुंचाए। उन्होंने बताया कि उनसे खुले में कूड़ा न जलाने तथा जली सिगरेट या बीड़ी के टुकड़े लापरवाही से इधर-उधर न फेंकने को कहा जा रहा है। इसके अलावा, अपने मवेशियों के लिए नई घास उगाने के लिए उत्तराखंड में जंगलों में आग लगाने की प्रथा भी है।

अपर प्रमुख वन संरक्षक वर्मा ने बताया कि लोगों में जागरूकता फैलाने के साथ ही जानबूझकर आग लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि रविवार को प्रदेश में जंगलों में आग लगाने की कोशिश करते आठ लोगों को वनकर्मियों ने गिरफ्तार किया। गढ़वाल वन प्रभाग की खिर्सू रेंज में जंगलों में आग लगाने की कोशिश करते हुए पांच लोगों को जबकि बागेश्वर वन प्रभाग में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। वर्मा ने बताया कि इनके खिलाफ भारतीय वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इससे पहले, प्रदेश में 196 लोगों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है।

वर्मा के मुताबिक, 23 व्यक्तियों के विरूद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है और 29 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है। उधर एनडीआरएफ की 41 सदस्यीय एक टीम को तीन वाहनों और आग बुझाने के सभी जरूरी उपकरणों के साथ हल्द्वानी के लिए रवाना कर दिया गया है, जिसका उपयोग जरूरत पड़ने पर किया जाएगा। इसका अनुरोध नैनीताल की जिलाधिकारी और प्रभागीय वन अधिकारी ने किया था। उधर, मुख्यमंत्री ने वनों में आग पर पूरी तरह नियंत्रण न होने तक वन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी हैं। धामी ने कहा कि केवल गंभीर बीमारियों की स्थिति में ही छुट्टी दी जाएगी।

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