उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग में काम फिर शुरू, हादसे के कारण दो माह से पड़ा था बंद

Edited By Nitika, Updated: 31 Jan, 2024 04:00 PM

work resumed in silkyara tunnel of uttarkashi district

दो माह से अधिक समय तक बंद रहने के बाद उत्तरकाशी जिले में ‘आल वेदर' सड़क मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का काम फिर शुरू हो गया है। अधिकारियों ने यहां बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश पर बड़कोट की ओर से सिलक्यारा...

 

उत्तरकाशीः दो माह से अधिक समय तक बंद रहने के बाद उत्तरकाशी जिले में ‘आल वेदर' सड़क मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का काम फिर शुरू हो गया है। अधिकारियों ने यहां बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश पर बड़कोट की ओर से सिलक्यारा सुरंग निर्माण के कुछ कार्य शुरू कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सुरंग की 'सेंटर वाल' के निर्माण के लिए ‘शटरिंग' प्रारंभ कर दी गई है जबकि सिलक्यारा की ओर से सुरंग के मुहाने पर निर्माणाधीन पुल का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

पिछले साल 12 नवंबर की सुबह 4.5 किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सुरंग में मलबा गिरने से उसमें 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें 17 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला जा सका था। हादसे के बाद से सुरंग का काम बंद पड़ा था। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) के परियोजना प्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि अनुमति मिलने के बाद धीरे-धीरे काम शुरू किया गया है और आने वाले 15 दिन में काम अपनी गति पकड़ेगा। कर्नल पाटिल ने शनिवार को कार्य का निरीक्षण किया था। उन्होंने बताया कि सिलक्यारा की ओर से पहले भूस्खलन वाले हिस्से और मुहाने के बीच करीब 100 मीटर के संवेदनशील हिस्से में सुरक्षात्मक कार्य होंगे। उन्होंने बताया कि मलबे में मजदूरों को निकालने के लिए बनाई गई निकास सुरंग से श्रमिकों को अंदर भेजा जाएगा ताकि वहां 'डिवाटरिंग' यानि पानी को निकाला जा सके। सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद से सुरंग के बाहर होटल-ढाबे और परचून की दुकान चलाने वाले भी खाली बैठे थे। अब सुरंग का निर्माण फिर शुरू होने से ग्रामीण भी खुश हैं।

क्षेत्र में परचून की दुकान चलाने वाली गिनोटी गांव की किरण जयाड़ा ने बताया कि सुरंग में जब लोग फंस गए थे तो वह बहुत ज्यादा घबरा गई थीं। उन्होंने कहा कि उन्होंने हर दिन बौखनाग देवता से सभी श्रमिकों के सकुशल बाहर आने की प्रार्थना की थी। उन्होंने बताया कि हादसे से एक दिन पहले 11 नवंबर की शाम को पश्चिम बंगाल निवासी श्रमिक माणिक ने उन्हें दीवाली की मिठाई भी दी थी। सुरंग में फंसे लोगों में माणिक भी शामिल थे। जयाड़ा ने कहा कि माणिक ने किरण को फोन पर बताया है कि वह फिर से काम के लिए सिलक्यारा पहुंच रहे हैं।

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