AIIMS के नर्सिंग अधिकारियों के 'संचार कौशल' क्षमता हेतु 2 दिवसीय कार्यशाला शुरू

Edited By Nitika, Updated: 29 Mar, 2023 02:51 PM

workshop for communication skills of nursing officers of aiims started

यूथ-20 इंडिया के अन्तर्गत, उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नर्सिंग अधिकारियों के लिए 'संचार कौशल' क्षमता निर्माण विषय पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई, जिसमें सेवाभाव के प्रति नर्सों को सशक्त बनाने पर जोर...

 

देहरादूनः यूथ-20 इंडिया के अन्तर्गत, उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नर्सिंग अधिकारियों के लिए 'संचार कौशल' क्षमता निर्माण विषय पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई, जिसमें सेवाभाव के प्रति नर्सों को सशक्त बनाने पर जोर दिया गया।

आईआईटी, हैदराबाद के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा कि नर्सिंग का क्षेत्र रोगियों की सेवा हेतु पूर्ण रूप से समर्पित सेवाभाव का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में संचार कौशल के माध्यम से हमें रोगियों की सेवा हेतु नर्सिंग कार्यों में दक्ष होने की आवश्यकता है। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह ने कहा कि नर्सिंग सेवा से जुड़े लोगों को संचार कौशल में दक्षता हासिल कर, अपने कार्य और जिम्मेदारियों के प्रति पूर्णरूप से सशक्त होने की जरूरत है। यह तभी संभव होगा जब हम रोगी और देखभाल प्रदाता के बीच एक मजबूत और भावनात्मक द्दष्टिकोण अपनाएंगे। 

डीन, एकेडेमिक्स, प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने कहा कि नर्सों को भावनात्मक बुद्धिमत्ता के साथ एक-दूसरे के बीच अपनी बातचीत का प्रबंधन करना चाहिए। ऐसा करने से स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों और रोगी के बीच आपसी विश्वास मजबूत होता है। चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने कहा कि प्रभावी संचार कौशल में न केवल स्पष्ट और सटीक तरीके से चिकित्सा जानकारी को संप्रेषित करना होता है, बल्कि रोगियों के साथ लगातार अपनी सुहानुभूति प्रकट करने की कला भी इसमें शामिल है। मुख्य नर्सिंग अधिकारी रीटा शर्मा ने भी नर्सिंग अधिकारियों को प्रत्येक रोगी के साथ सरल भाषा में संवाद स्थापित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि रोग और उपचार से संबन्धित रोगियों की पूरी बात सुननी और समझनी चाहिए।

कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल प्रो. स्मृति अरोड़ा ने कार्यशाला के बारे में बताया कि भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में संसाधनों की कमी को देखते हुए कार्यशाला में नर्सिंग अधिकारियों को बुनियादी कौशल प्रदान करने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यशाला में नर्सिंग स्टाफ को रोगियों की बात को सहजता से सुनकर कठिन परिस्थितियों में भी सेवा हेतु स्वयं को तैयार रखने का अनुभव समझाया गया।
 

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