गढ़वाल की महिला मतदाताओं ने BJP द्वारा महिलाओं के कल्याण के लिए किए गए कार्यों की सराहना की

Edited By Nitika, Updated: 14 Apr, 2024 02:11 PM

women voters of garhwal appreciated the work done by bjp

उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र की महिला मतदाताओं का कहना है कि महिला आरक्षण विधेयक पारित होने और महिलाओं के कल्याण संबंधी योजनाएं शुरू किए जाने से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनाव में मदद मिल सकती है, लेकिन चमोली आपदा पीड़ितों के पुनर्वास में देरी...

 

चमोलीः उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र की महिला मतदाताओं का कहना है कि महिला आरक्षण विधेयक पारित होने और महिलाओं के कल्याण संबंधी योजनाएं शुरू किए जाने से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनाव में मदद मिल सकती है, लेकिन चमोली आपदा पीड़ितों के पुनर्वास में देरी चिंताजनक है। लोकसभा चुनाव से पहले क्षेत्र में बेरोजगारी की उच्च दर, आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें और अग्निपथ योजना महिला मतदाताओं के लिए चिंता वाले कुछ अन्य मुद्दे हैं।

चमोली जिले की निवासी रश्मि नौटियाल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है और वे अपने लिए एक रुख अपनाना सीख रही हैं। नौटियाल ने कहा, "यहां सरकार द्वारा कई महिला-उन्मुख योजनाएं शुरू की गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं में चुनावों में भागीदारी की भावना देखने को मिल रही है।" उन्होंने कहा, "पहले महिलाएं अपने परिवार के पुरुष सदस्यों का अनुसरण करती थीं, लेकिन अब वे अपने लिए रुख अपना रही हैं।" आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक गढ़वाल क्षेत्र में पांच लाख से अधिक महिला मतदाता हैं। भाजपा ने गढ़वाल लोकसभा सीट से अनिल बलूनी को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने गणेश गोदियाल को अपना उम्मीदवार बनाया है। चमोली की आरती थपलियाल ने कहा कि महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति अधिक जागरूक हैं और वे राजनीति में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।

थपलियाल ने कहा "आजकल महिलाओं में जागरूकता बढ़ रही है। पहले एक चलन था कि एक महिला ग्राम प्रधान होगी लेकिन उसका काम उसका पति देखता था। वह सिर्फ आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रधान होती थी, लेकिन अब महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति अधिक जागरूक हैं और वे सक्रिय रूप से राजनीति में भाग ले रही हैं।" रुद्रप्रयाग की निवासी पूजा नैथानी ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं के अलावा उत्तराखंड में भाजपा सरकार द्वारा महिला आरक्षण विधेयक पारित करने से गढ़वाल की महिला मतदाता भाजपा की ओर आकर्षित होंगी।

उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने पिछले वर्ष उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक को मंज़ूरी दे दी थी। उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक, 2022, 29 नवंबर, 2022 को राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया गया था। स्थानीय महिलाओं ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार नारी सशक्तिकरण योजना, महालक्ष्मी योजना, वात्सल्य योजना, आंचल अमृत योजना और पोषण योजना जैसी महिला-उन्मुख योजनाएं पर सफलतापूर्वक चला रही है। इस बीच कुछ महिलाओं ने कहा कि उत्तराखंड के निवासियों को कुछ गंभीर मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है जिनका ठीक से समाधान नहीं किया जा रहा है। स्थानीय निवासी अंजलि शाह ने कहा, "हम सरकार से चमोली आपदा के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए कह रहे हैं, लेकिन कुछ नहीं किया जा रहा है। यह उन पहलुओं में से एक है, जिसका समाधान करने की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "इसके अलावा भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार महिलाओं के लिए काम कर रही है और आगामी चुनावों में उन्हें बढ़त मिलेगी।"

उत्तराखंड के चमोली जिले में 2021 की आपदा में 200 से अधिक लोगों की या तो मौत हो गई थी या वे लापता हो गए थे। टिहरी की रहने वाली सरोजिनी देवी ने भाजपा सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों की सराहना की लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उसे (भाजपा) रोजगार और महंगाई जैसे अन्य मुद्दों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। देवी ने कहा "अग्निपथ योजना पहाड़ी क्षेत्रों के युवाओं को नुकसान पहुंचा रही है। सेना में भर्ती होने का उनका सपना अब टूट गया है। यह वह क्षेत्र है, जहां सरकार को चुनाव से पहले काम करने की जरूरत है। मेरे दो बच्चे हैं और दोनों सेना में हैं लेकिन अब युवा इसे लेकर उत्साहित नहीं हैं।"
 

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