Edited By Vandana Khosla, Updated: 02 Jul, 2025 12:35 PM

Uttarakhand desk: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल संपर्क परियोजना के तहत तैयार की जा रही एक सुरंग का काम 29 जून को पूरा हो गया है। इसी के साथ ही निर्माण कंपनी ‘लार्सन एंड टूब्रो' ने सुरंग निर्माण में ‘सिंगल-शील्ड हार्ड रॉक टनल बोरिंग मशीन' के उपयोग का नया...
Uttarakhand desk: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल संपर्क परियोजना के तहत तैयार की जा रही एक सुरंग का काम 29 जून को पूरा हो गया है। इसी के साथ ही निर्माण कंपनी ‘लार्सन एंड टूब्रो' ने सुरंग निर्माण में ‘सिंगल-शील्ड हार्ड रॉक टनल बोरिंग मशीन' के उपयोग का नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया है।
एल एंड टी लिमिटेड के निदेशक एस.वी. देसाई ने कहा कि टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) टीम ने ‘शिव' नाम की ‘सिंगल-शील्ड हार्ड रॉक टीबीएम' का इस्तेमाल करते हुए एक महीने में 790 मीटर सुरंग बनाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि यह पहली बार है जब दुनिया में कहीं भी ‘सिंगल-शील्ड हार्ड रॉक टनल बोरिंग मशीन' का इतने कुशल तरीके से उपयोग किया गया।
परियोजना निदेशक राकेश अरोड़ा ने कहा कि देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग तैयार करने के लिए अंतिम चरण के तहत टीबीएम ने मई-जून में 31 दिन के भीतर 790 मीटर खुदाई की और सफलता प्राप्त की। यह 13.09 किलोमीटर लंबी सुरंग डाउनलाइन है जो 14.57 किलोमीटर लंबी अपलाइन सुरंग से समानांतर और 25 मीटर की दूरी पर है। अपलाइन सुरंग की खुदाई का काम इसी साल 16 अप्रैल 2025 को पूरा कर लिया गया था।
देवप्रयाग और जनासू के बीच ये दोहरी सुरंगें देश की सबसे लंबी परिवहन सुरंग हैं और उत्तराखंड में महत्वाकांक्षी 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल संपर्क परियोजना का हिस्सा हैं। इस मार्ग को दिसंबर 2026 में चालू किया जाना है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि दोनों सुरंगों की कुल लंबाई 30 किलोमीटर है। सुरंग बनाने में 70 प्रतिशत कार्य (21 किमी) टीबीएम के माध्यम से किया गया, शेष 30 प्रतिशत (नौ किमी) खुदाई और ब्लास्ट के माध्यम से पूरा किया गया।
अरोड़ा ने कहा कि शक्ति नाम की पहली टीबीएम ने 16 अप्रैल को निर्धारित समय से 12 दिन पहले अपलाइन सुरंग का 10.47 किलोमीटर का काम पूरा कर लिया था, जबकि दूसरी टीबीएम शिव ने निर्धारित समय से एक दिन पहले 29 जून को डाउनलाइन सुरंग का 10.29 किलोमीटर निर्माण पूरा कर लिया।