उत्तराखंड HC ने सरकारी स्कूलों में शौचालय की समस्या को लेकर किया जवाब-तलब

Edited By Nitika, Updated: 26 Sep, 2023 12:45 PM

hc seeks answers regarding toilet problem in government schools

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका का संज्ञान लेते हुए सरकार से पूछा है कि प्रदेश में कितने स्कूलों में पेयजल और शौचालय की सुविधा नहीं है। साथ ही स्कूलों में इन सुविधाओं को लेकर कितना बजट आवंटित किया जाता है।

 

नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका का संज्ञान लेते हुए सरकार से पूछा है कि प्रदेश में कितने स्कूलों में पेयजल और शौचालय की सुविधा नहीं है। साथ ही स्कूलों में इन सुविधाओं को लेकर कितना बजट आवंटित किया जाता है।

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने नैनीताल जिले के धानाचूली वन पंचायत की सरपंच हंसा लोधियाल के पत्र का स्वत: संज्ञान लेते हुए ये निर्देश दिए। मुख्य न्यायाधीश को भेजे पत्र में कहा गया कि धानाचुली राजकीय इंटर कॉलेज में कक्षा 450 छात्र अध्ययन कर रहे हैं। इस क्षेत्र का यह एकमात्र शिक्षण संस्थान है। कॉलेज में शौचालय की सुविधा बहुत खराब है। शौचालयों की नियमित सफाई नहीं हो पाती है। सफाई कर्मचारियों के अभाव के कारण शौचालय बंद रहते हैं। शौचालय नहीं होने के चलते छात्राएं स्कूल छोड़ने को मजबूर हैं। शिकायत के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ।

अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार से जवाब तलब किया है और पूछा कि कितने स्कूलों में शौचालय और पेयजल की व्यवस्था नहीं है। स्कूलों में शौचालयों के रख-रखाव के लिए कितना बजट आवंटित किया जाता है। स्कूलों में अभिभावक शिक्षक संघ का गठन हुआ है या नही। अदालत ने सरकार को दो सप्ताह के अंदर जवाबी हलफनामा पेश करने को कहा है। अदालत ने सचिव माध्यमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा को पक्षकार बनाने के साथ ही जवाब देने को कहा है। अदालत ने इसे संवैधानिक अधिकारों के हनन का मामला है।

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