Edited By Nitika, Updated: 03 Mar, 2024 01:43 PM
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य उपभोक्ता फोरम और जिला उपभोक्ता फोरमों में अध्यक्षों और सदस्यों की भर्ती परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग (नकारात्मक अंकन) के मामले में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएसी) से जवाब मांगा है। इस मामले में अगली...
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य उपभोक्ता फोरम और जिला उपभोक्ता फोरमों में अध्यक्षों और सदस्यों की भर्ती परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग (नकारात्मक अंकन) के मामले में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएसी) से जवाब मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी।
मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की युगलपीठ में इस प्रकरण में सुनवाई हुई। न्यायमित्र अधिवक्ता संदीप तिवारी की ओर से कहा गया कि प्रदेश सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय के निर्देश के क्रम में राज्य भर के उपभोक्ता फोरमों में अध्यक्षों और सदस्यों की भर्ती के लिये इसी साल 19 जनवरी को विज्ञप्ति जारी की गई है। भर्ती प्रक्रिया की जिम्मेदारी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएसी) को सौंपी गई है।
यूकेएसएसएससी की ओर से इसके लिये 100 नम्बरों का एक वस्तुनिष्ठ प्रश्नपत्र का प्रावधान किया गया है जिसमें नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने कहा कि इन पदों के लिए यह व्यावहारिक नहीं है। अदालत ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए यूकेएसएसएससी को इस मामले में जवाब देने को कहा है। अब इस प्रकरण में आगामी 8 अप्रैल को सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि एक अंग्रेजी दैनिक में समाचार प्रकाशित होने के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर कर ली। इसमें कहा गया कि प्रदेश में उपभोक्ता अदालतों में अध्यक्षों और सदस्यों की कमी है और राज्य और जिला उपभोक्ता फोरम पंगु हो गए हैं। इनमें काम नहीं हो पा रहा है।