Chardham Yatra: श्रद्धालुओं की सीमित संख्या के विरोध में हितधारकों ने फूंका सरकार का पूतला, की प्रस्ताव वापस लेने की मांग

Edited By Harman Kaur, Updated: 22 Mar, 2023 05:49 PM

chardham yatra stakeholders protest against limited number

अगले माह शुरू हो रही चार धाम यात्रा (Char dham Yatra) पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अनिवार्य पंजीकरण एवं दर्शन के लिए उनकी संख्या सीमित करने पर रोष प्रकट....

उत्तरकाशी: अगले माह शुरू हो रही चार धाम यात्रा (Char dham Yatra) पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अनिवार्य पंजीकरण एवं दर्शन के लिए उनकी संख्या सीमित करने पर रोष प्रकट करते हुए यमुनोत्री धाम से जुड़े व्यवसायियों तथा अन्य हितधारकों ने उत्तराखंड सरकार का पुतला फूंका। यात्रा मार्ग से जुड़े व्यापारियों, होटल मालिकों, टैक्सी यूनियन, तीर्थ पुरोहित सहित स्थानीय लोगों ने बड़कोट नगर क्षेत्र में ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया तथा हनुमान चौक पर सरकार का पुतला फूंकते हुए श्रद्धालुओं के अनिवार्य पंजीकरण तथा दर्शनार्थियों की संख्या सीमित करने के निर्णय को वापस लेने की मांग की।

'धाम में दर्शनार्थियों की संख्या सीमित करने के प्रस्ताव को लिया जाए वापस'
प्रदर्शनकारियों ने इस संबंध में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक ज्ञापन भी भेजा जिसमें कहा गया है कि चारधाम श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त की जाए तथा धाम में दर्शनार्थियों की संख्या सीमित करने के प्रस्ताव को वापस लिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं करती है तो इसका घोर विरोध किया जाएगा और अनिश्चितकालीन अनशन किया जाएगा। उन्होंने यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के दिन 22 अप्रैल को अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की भी चेतावनी दी। 

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सरकार का यह निर्णय गलत है और देश में कहीं भी दर्शनार्थियों की संख्या तय करने की परंपरा नहीं है -अजय पुरी
चारधाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पुरी ने कहा कि सरकार का यह निर्णय गलत है और देश में कहीं भी दर्शनार्थियों की संख्या तय करने की परंपरा नहीं है। यमुनोत्री धाम तीर्थ पुरोहित संघ के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने कहा कि बीते वर्ष भी श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता एवं धामों में दर्शन हेतु संख्या सीमित किए जाने के कारण बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों को बिना दर्शन किए वापस जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि इस साल होने वाली चारधाम यात्रा में इस प्रकार की परेशानी न हो। चार धामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तय किए जाने का प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन है, हालांकि इस पर अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है। 

चारधाम यात्रा के पोर्टल पर अभी तक 2 लाख से अधिक श्रद्धालु कर चुके है पंजीकरण
इस वर्ष की चार धाम यात्रा 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पर्व से गंगोत्री एवं यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ शुरू हो रही है। बदरीनाथ धाम और केदारनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे। कोविड- 19 के कारण 2 साल के अंतराल के बाद पिछले साल पूरी तरह से शुरू हुई चारधाम यात्रा में रिकार्ड 47 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आए थे और इस बार ये रिकॉर्ड टूटने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि चारधाम यात्रा के पोर्टल पर अभी तक 2 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं जबकि गढ़वाल मंडल विकास निगम के अतिथि गृहों के लिए भी 5 करोड़ रुपए की बुकिंग अब तक मिल चुकी है। 

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