Edited By Nitika, Updated: 27 Apr, 2023 02:38 PM

उत्तराखंड की ऐतिहासिक आदि कैलाश (छोटा कैलाश) यात्रा आगामी चार मई से शुरू होगी। पिथौरागढ़ जिला प्रशासन की ओर से इस बार यात्रियों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष एहतियात बरती जा रही है।
नैनीतालः उत्तराखंड की ऐतिहासिक आदि कैलाश (छोटा कैलाश) यात्रा आगामी चार मई से शुरू होगी। पिथौरागढ़ जिला प्रशासन की ओर से इस बार यात्रियों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष एहतियात बरती जा रही है।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में जाने से पूर्व दो जगहों पर यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) की ओर से यात्रा को अंतिम रूप दे दिया गया है। इस बार छोटा कैलाश की यात्रा पर 18 दल जाएंगे। पहला दल काठगोदाम से 04 मई को रवाना होगा। पिथौरागढ़ जिला प्रशासन की ओर से यात्रा को लेकर सकुशल संपन्न करवाने के लिए बुधवार को पिथौरागढ़ जनपद मुख्यालय में एक बैठक की गई, जिसमें तय किया गया कि धारचूला व गूंजी में यात्रियों को दो जगहों पर स्वास्थ्य परीक्षण से गुजरना होगा। उन्हीं यात्रियों को आगे यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ न हो। यह भी तय किया गया कि मुख्य यात्रा पड़ावों गूंजी व ज्योलिंकोंग में यात्रियों की सुविधा के लिए दो चिकित्सक तैनात किए जाएंगे। साथ ही गूंजी में एक मेडिकल उपकरणों से सुसज्जित एम्बुलेंस भी तैनात की जाएगी ताकि आपात स्थिति में यात्रियों की मदद की जा सके।
जिलाधिकारी रीना जोशी की ओर से मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर व दवाइयों की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए हैं। बैठक में तय किया गया कि यात्रियों के साथ चलने वाले गाइड को भी प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि यात्रियों की असहज स्थिति से न निपटना पड़े। जिलाधिकारी ने उच्च हिमालयी क्षेत्र में तैनात सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) एवं सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर व दवाइयां रखने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं उन्होंने केएमवीएन के अधिकारियों को उच्च हिमालयी क्षेत्र में यात्रियों के ठहरने के लिए पर्याप्त मात्रा में हट्स तैयार करने और उनमें आवश्यक सुविधा मुहैया करवाने को भी कहा है।