उत्तराखंड सरकार ने आइसलैंड की कंपनी के साथ किया MOU, राज्य को भूतापीय ऊर्जा क्षेत्र में मिलेगा बड़ा फायदा

Edited By Vandana Khosla, Updated: 17 Jan, 2025 04:10 PM

uttarakhand government signed mou with icelandic company

देहरादूनः उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की कंपनी वर्किस कंसल्टिंग इंजीनियर्स के मध्य उत्तराखंड में भू-तापीय ऊर्जा के अन्वेषण और विकास के संबंध में शुक्रवार को एक समझौता संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री सविचालय में आइसलैंड के राजदूत डॉ. बेनेडिक्ट हॉस्कुलसन की...

देहरादूनः उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की कंपनी वर्किस कंसल्टिंग इंजीनियर्स के मध्य उत्तराखंड में भू-तापीय ऊर्जा के अन्वेषण और विकास के संबंध में शुक्रवार को एक समझौता संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री सविचालय में आइसलैंड के राजदूत डॉ. बेनेडिक्ट हॉस्कुलसन की उपस्थिति में इस एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने गृहनगर खटीमा से इस कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े रहे।

"उत्तराखंड भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरेगा"
मुख्यमंत्री ने इस समझौता ज्ञापन को उत्तराखंड के साथ-साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास के क्षेत्र में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि इस एमओयू के माध्यम से न केवल स्वच्छ और नवीनीकरण ऊर्जा का लक्ष्य प्राप्त होगा बल्कि, पर्यावरणीय सुरक्षा सुनश्चिति रहते हुए समावेशी विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि आइसलैंड भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी देश है और इनके तकनीकी सहयोग और अनुभव से उत्तराखंड भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से इसकी अनापत्ति भी प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में भूतापीय ऊर्जा के व्यावहारिकता के अध्ययन का व्यय भार को वहन आइसलैंड सरकार द्वारा किया जाएगा।

"उत्तराखंड राज्य में लगभग 40 भू- तापीय स्थल किए गए चिन्हित" 
सीएम धामी ने कहा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण एवं वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान देहरादून के द्वारा किए गए आकलन के अनुसार उत्तराखंड राज्य में लगभग 40 भू- तापीय स्थल चिन्हित किए गए हैं। जिसमें भू-तापीय ऊर्जा का दोहन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेर्सस वर्किस कंसल्टिंग इंजीनियर्स आइसलैंड की प्रमुख कंपनी है। जो भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्वकि विशेषज्ञता रखती है। उनकी तकनीकी क्षमताएं और अनुभव उत्तराखंड में भूतापीय परियोजनाओं को तेजी से और कुशलता से विकसित करने में सहायक होंगे। इस दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर व दीपेंद्र चौधरी, विशेष सचिव/रेजिडेंट कमिश्नर अजय मिश्रा, अपर सचिव रंजना राजगुरु, प्रबंध निदेशक यू.जे.वी.एन.लिमिटेड संदीप साहिल, प्रबंध निदेशक पटिकुल पी.सी. ध्यानी सहित आइसलैंड एंबेसी से राहुल चांगथम उपस्थित थे। 

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