Edited By Nitika, Updated: 02 May, 2024 01:09 PM
उत्तराखंड फर्जी शिक्षक मामले में उच्च न्यायालय ने विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) को दो महीने में जांच पूरी करने को कहा है। साथ ही सरकार को विभिन्न न्यायालयों में लंबित वादों के बारे में भी विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
नैनीतालः उत्तराखंड फर्जी शिक्षक मामले में उच्च न्यायालय ने विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) को दो महीने में जांच पूरी करने को कहा है। साथ ही सरकार को विभिन्न न्यायालयों में लंबित वादों के बारे में भी विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
काठगोदाम दमुवाढूंगा की स्टूडेंट गार्जियन वेलफेयर कमेटी की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में सुनवाई हुई। सरकार की ओर से बुधवार को अदालत में प्रगति रिपोर्ट पेश की गई। कहा गया कि इस मामले में एसआईटी की ओर से जांच अभी जारी है। अभी तक 73 प्रतिशत जांच पूरी हो गई है। हजारों शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच पूरी कर ली गई है। अभी 27 प्रतिशत जांच नहीं हो पाई है। यह भी कहा गया कि अभी तक 69 फर्जी शिक्षक पाए गए हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेज के बल पर नौकरी हथियाई है। इनमें से 49 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। कुछ शिक्षकों के प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं।
वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता त्रिभुवन पांडे की ओर से अदालत को बताया गया कि अदालत ने वर्ष 2020 मेें सरकार को तीन महीने के अदंर सभी शिक्षकों के दस्तावेजों और डिग्रियों की जांच कर दोषियों को चिन्हित करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। अंत में अदालत ने एसआईटी को निर्देश दिए कि दो महीने के अदंर जांच पूरी करे। साथ ही विभिन्न न्यायालयों में लंबित वादों की सूची भी अदालत में पेश करे। इस मामले में दो महीने बाद सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि कमेटी की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि प्रदेश में ऐसे सैकड़ों फर्जी शिक्षक हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के बल पर नौकरी हथियायी है। सरकार ऐसे शिक्षकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है। एसआईटी जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है।