उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा कल से होगी शुरू, साधु-संतों ने कहा- सनातन धर्म की पवित्र यात्रा में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगनी चाहिए

Edited By Vandana Khosla, Updated: 10 Jul, 2025 09:52 AM

kanwar yatra will start from tomorrow in uttarakhand saints said

हरिद्वारः साधु-संतों ने उत्तराखंड सरकार से कल यानी 11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा की धार्मिक मर्यादा और पवित्रता बनाए रखने के लिए उसमें गैर हिंदुओं के प्रवेश और व्यवसाय पर रोक लगाने की बुधवार को मांग की। भारत साधु समाज के संतों ने यहां एक...

हरिद्वारः साधु-संतों ने उत्तराखंड सरकार से कल यानी 11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा की धार्मिक मर्यादा और पवित्रता बनाए रखने के लिए उसमें गैर हिंदुओं के प्रवेश और व्यवसाय पर रोक लगाने की बुधवार को मांग की। भारत साधु समाज के संतों ने यहां एक बैठक में कांवड़ यात्रा में मुसलमान समुदाय के लोगों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की। इससे पहले, जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि भी इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र लिख चुके हैं । बैठक के बाद हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद ने यात्रा मार्ग पर खाद्य पदार्थों की पवित्रता बनाए रखने के लिए गैर हिंदुओं की पहचान सुनिश्चित करने और मुसलमानों के कांवड़ ले जाने पर भी रोक लगाने की मांग की।

कांवड़ यात्रा में जिहादी मानसिकता वाले लोगों के प्रवेश पर लगे रोक- स्वामी प्रबोधानंद
महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद ने कहा कि कांवड़ यात्रा में जिहादी मानसिकता वाले लोगों को नहीं घुसने दिया जाना चाहिए । प्रशासन खाद्य पदार्थों की दुकानों में भी गैर हिंदुओं की पहचान सुनिश्चित करें ताकि खान-पान में पवित्रता बनी रहे। इसी के साथ, उन्होंने शिव भक्तों से भी अपील की कि वह मुसलमानों द्वारा बनाई गई कांवड़ को नहीं लेकर जाए क्योंकि इससे भगवान शिव के अभिषेक के लिए ले जाया गया गंगा जल अपवित्र हो जाता है। उन्होंने कहा कि शिव भक्त कांवड़ को शुद्ध रूप में लेकर जाएं। अगर हिंदू खुद कांवड़ नहीं बना सकते तो वे एक डंडे में रस्सी से गंगा जल के पात्र को बांधकर ले जाए जिससे गंगाजल की पवित्रता बनी रहे।

कांवड़ यात्रा सनातन धर्म की पवित्र, भावनात्मक व आस्था से जुड़ी यात्रा
यतींद्रानंद गिरि ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि हर वर्ष श्रावण मास में होने वाली कांवड़ यात्रा सनातन धर्म की एक अत्यंत पवित्र, भावनात्मक व आस्था से जुड़ी यात्रा है। जिसे हाल के वर्षों में विधर्मियों से गहरी चुनौती मिल रही है । उन्होंने कहा कि गैर हिंदू समुदाय के लोग कांवड़ यात्रा मार्ग पर भगवा वस्त्र, भगवान शिव के चित्र व कांवड़ आदि की बिक्री करते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, पूजा सामग्री में मिलावट कर अपवित्र करने तथा सेवा के नाम पर भोजन व खाद्य सामग्री आदि के वितरण में मिलावट व थूक मिलाने जैसी गंभीर घटनाएं भी सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से सामने आती रही हैं।

स्वामी यतींद्रानंद ने कहा कि जेहादी मानसिकता वाले लोगों की इस तरह की हरकतें न केवल हिंदू आस्था का अपमान हैं बल्कि सामाजिक सौहार्द को खंडित करने का भी कुत्सित प्रयास है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा में किसी भी गैर हिंदू को सेवा, व्यवसाय तथा किसी अन्य तरह से भाग लेने को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। 

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