Edited By Vandana Khosla, Updated: 09 Apr, 2025 01:34 PM

हल्द्वानी : नैनीताल जिले के चौसला गांव में सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चौसला गांव में फॉम फैक्ट्री को सील कर दिया है। साथ ही अतिक्रमण को 15 दिन के भीतर हटाने के...
हल्द्वानी : नैनीताल जिले के चौसला गांव में सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चौसला गांव में फॉम फैक्ट्री को सील कर दिया है। साथ ही अतिक्रमण को 15 दिन के भीतर हटाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सरकारी ज़मीन पर किए गए अतिक्रमण को चिन्हित भी कर दिया है।
गांव में सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण पर प्रशासन ने किया रेड मार्क
आपको बता दें कि हल्द्वानी के चौसला गांव में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को लेकर प्रशासन एक्शन मोड पर है। इस दौरान गांव में सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण पर प्रशासन ने रेड मार्क (चिन्हीकरण) कर दिया है। डीएम नैनीताल के मुताबिक चौसला गांव का पूरा मामला "रेरा" को सौंप दिया गया है और अब नोटिस जारी करने की कार्यवाही भी रेरा ही करेगा। आगामी भविष्य में चौसला गांव में अवैध अतिक्रमण/निर्माण न हो, इस बात को देखते हुए जमीनों की रजिस्ट्री पर तत्काल रोक लगा दी गई है।
"अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाए"
वहीं, इस मामले की शिकायत कुमाऊं कमिश्नर तक पहुंची तो उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तलब करते हुए, एसडीएम हल्द्वानी को एक डिटेल रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने कहा की सबसे पहले यह देखा जाए की प्लॉटिंग तय मानकों के हिसाब से हो रही है या नहीं, और इस मामले का दूसरा बिंदु यह है की प्लॉटिंग की आड़ में क्या सरकारी जमीन पर भी कब्जा किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि प्लॉटिंग अवैध रूप से हो रही है या फिर सरकारी जमीन पर किसी तरह का अतिक्रमण किया जा रहा है तो उसके खिलाफ कड़ी विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाए।
"अतिक्रमणकारियों को किसी भी क़ीमत पर बख्शा नहीं जाएगा"
चौसला गांव में अवैध प्लॉटिंग जांच का मामला अभी "रेरा" के पास हैं और सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण की जांच युद्ध स्तर पर जारी है। कई जगह प्रशासन रेड मार्क भी लगा चुका है। जिला प्रशासन के इस रवैये से साफ है की प्लॉटिंग की आड़ में सरकारी ज़मीन पर कब्ज़े करने वाले अतिक्रमणकारियों को किसी भी क़ीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।