'फ्रॉम द पेन ऑफ सर्जन्स' सर्जरी से परे, दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर में पुस्तक पर गहन चर्चा

Edited By Mamta Yadav, Updated: 18 Feb, 2025 10:12 PM

from the pain of surgeons  beyond surgery

संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन और मैटरनिटी सेंटर, देहरादून द्वारा दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर, देहरादून में पुस्तक 'फ्रॉम द पेन ऑफ सर्जन्स' पर एक पुस्तक चर्चा का आयोजन किया गया।

Dehradun News: संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन और मैटरनिटी सेंटर, देहरादून द्वारा दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर, देहरादून में पुस्तक 'फ्रॉम द पेन ऑफ सर्जन्स' पर एक पुस्तक चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि अनिल रतूड़ी (सेवानिवृत्त आईपीएस), अध्यक्ष डॉ. संजीव चोपड़ा (संस्थापक, वैली ऑफ वर्ड्स - VoW), सम्माननीय अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल जे. एस. नेगी (सेवानिवृत्त जनरल ऑफिसर, आईएमए), प्रो. ओंकार सिंह (कुलपति, वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय), न्यायमूर्ति राजेश टंडन (सेवानिवृत्त न्यायाधीश, उच्च न्यायालय), लेखक पद्मश्री डॉ. बी. के. एस. संजय (ऑर्थोपेडिक सर्जन) एवं सह-लेखक डॉ. गौरव संजय (ऑर्थोपीडिक सर्जन) ने दीप प्रज्वलित कर किया। लेखक और सह-लेखक ने अतिथियों का स्वागत शॉल, स्मृति चिन्ह और पौधा भेंट कर किया। रिटायर्ड आईएएस एन रविशंकर ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया और लेखकों को बधाई दी और आए हुए अतिथियों से आग्रह किया कि इस परिसर को ज्यादा से ज्यादा लोग उपयोग में लाएं।
PunjabKesari
पुस्तक का उद्देश्य जन स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना
लेखक पद्मश्री डॉ. बी. के. एस. संजय ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और भोजन प्रत्येक व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताएं हैं। समाज में इनके प्रति जागरूकता बढ़ाने की सख्त जरूरत है। यह पुस्तक न केवल चिकित्सा क्षेत्र में लेखकों की गहरी समझ को दर्शाती है बल्कि एक जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ और प्रभावी संचारक के रूप में देश में सही सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने के उनके प्रयासों को भी प्रतिबिंबित करती है। सह-लेखक डॉ. गौरव संजय ने कहा कि इस पुस्तक का उद्देश्य जन स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना है। यह पुस्तक चिकित्सा जगत के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों के जागरूक नागरिकों के लिए भी एक संदर्भ ग्रंथ का कार्य करेगी। इसमें संकलित आलेखों से पाठकों को सीखने और इसे आगे साझा करने का अवसर मिलेगा।
PunjabKesari
माँ और डॉक्टरों को ही जीवन बचाने की शक्ति प्राप्त
मुख्य अतिथि अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि भगवान हर जगह नहीं हो सकते, इसलिए उन्होंने माँ और डॉक्टरों को बनाया, जिन्हें जीवन बचाने की शक्ति प्राप्त है। उन्होंने शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह पुस्तक समाज और राष्ट्र के विकास में शिक्षा की भूमिका को उजागर करती है। साथ ही, उन्होंने कहा कि शब्दों की शक्ति अमर होती है और यह किसी भी पेशे की सीमाओं से परे जाती है। सम्माननीय अतिथि न्यायमूर्ति राजेश टंडन ने कहा कि लेखक और सह-लेखक जनमानस को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने समाज में स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारियां निभाने पर बल दिया। साथ ही, उत्तराखंड में पर्यावरणीय समस्याओं को एक प्रमुख चिंता का विषय बताया।

अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु के महत्व पर जोर
सम्माननीय अतिथि प्रो. ओंकार सिंह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने माता-पिता से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को जागरूक करें और तकनीकी साधनों पर आँख मूंदकर निर्भर होने के बजाय, उन्हें एक सहायक उपकरण के रूप में उपयोग करना सिखाएं। सम्माननीय अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल जे. एस. नेगी ने कहा कि यह पुस्तक स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, जनसंख्या वृद्धि और सड़क सुरक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों को समेटे हुए है। उन्होंने अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु के महत्व पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी देश की सबसे बड़ी पूंजी है और उसे सही दिशा में मार्गदर्शन देने की आवश्यकता है। बढ़ती जनसंख्या और निरक्षरता को बड़ी चुनौतियाँ बताते हुए उन्होंने यातायात नियमों के पालन पर विशेष जोर दिया और कहा कि अगर लोग स्वयं नियमों का पालन नहीं करते, तो नीति-निर्माताओं को इसे लागू करने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। कार्यक्रम के  अध्यक्ष डॉ. संजीव चोपड़ा ने कहा कि यह पुस्तक विभिन्न विषयों को समाहित किए हुए एक बहुमूल्य रचना है। उन्होंने यह भी कहा कि जितनी अधिक भाषाएँ हम जानते हैं, उतना ही बेहतर हम दुनिया को समझ सकते हैं। उन्होंने इस पुस्तक को समाज के लिए एक सच्ची प्रेरणा बताया।

डॉ. अरुण कुमार मंडल ने कहा कि लेखक और सह-लेखक, डॉक्टर होने के बावजूद अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर आधारित इस पुस्तक को लिखने के लिए प्रशंसा के पात्र हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है और दोनों लेखक राष्ट्र की सेवा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सीय पुस्तकें तो सभी लिखते हैं परन्तु इस तरह की पुस्तकें विरले ही होते हैं। अंत में, डॉ. गौरव संजय ने सभी अतिथियों और श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन सिमरन सूरी ने किया।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!