UCC लागू करने के लिए समिति के अध्यक्ष ने CM धामी को सौंपी अंतिम रिपोर्ट , शीघ्र लागू होगा कानून

Edited By Vandana Khosla, Updated: 18 Oct, 2024 02:42 PM

chairman of the committee submitted the final report to cm dhami

देहरादूनः आज यानी 18 अक्टूबर को सचिवालय में एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया है। इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में UCC लागू करने के संदर्भ में अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उत्तराखंड समान नागरिक संहिता नियम समिति के...

देहरादूनः आज यानी 18 अक्टूबर को सचिवालय में एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया है। इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में UCC लागू करने के संदर्भ में अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उत्तराखंड समान नागरिक संहिता नियम समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने अंतिम रिपोर्ट उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी।

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "12 फरवरी 2022 को उत्तराखंड विधानसभा के आम चुनाव से ठीक 2 दिन पहले हमारी पार्टी का संकल्प था कि नई सरकार के गठन के बाद सबसे पहले UCC लागू करने के लिए हम काम शुरू करेंगे। पहले मंत्रिमंडल की बैठक में हमने निर्णय लिया और कमेटी का गठन हुआ। 7 फरवरी 2024 को विधेयक विधानसभा से पारित हो गया। आज कमेटी ने एक्ट बनाकर हमें दे दिया है जल्द ही हम इस एक्ट का अध्ययन करेंगे, कैबिनेट में चर्चा करेंगे। हमारा प्रयास होगा कि जल्द से ये लागू हो "

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता अधिनियम की नियमावली आज सौंपी गई है। इस नियमावली में मुख्य रूप से चार भाग है। जिसमें विवाह एवं विवाह-विच्छेद लिव-इन रिलेशनशिप, जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण तथा उत्तराधिकार सम्बन्धी नियमों के पंजीकरण सम्बन्धी प्रक्रियाएं उल्लिखित है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मंत्रीमण्डल की बैठक में इस अधिनिनियम को राज्य में प्रभावी रूप से लागू करने के लिए तिथि तय की जायेगी। इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।

सीएम ने कहा कि जन सामान्य की सुलभता के दृष्टिगत इस समान नागरिक संहिता के लिए एक पोर्टल तथा मोबाइल एप भी तैयार किया गया है, जिससे कि पंजीकरण, अपील आदि की समस्त सुविधाएं जन सामान्य को ऑनलाईन माध्यम से सुलभ हो सके। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में सबको समान रूप से न्याय मिले। महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विधेयक बना है। जल्द इस अधिनियम को धरातल पर उतारा जायेगा। आजादी के बाद उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन जायेगा जिसे समान नागरिक संहिता लागू करने का गौरव प्राप्त होगा।

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