Edited By Ramanjot, Updated: 05 Jul, 2024 12:26 PM
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिस स्थान पर यह घटना घटी वह गंगोत्री से करीब नौ किलोमीटर दूर है। उन्होंने बताया कि ग्लेशियर पिघलने के कारण नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिसके चलते अस्थाई पुलिया बह गई थी। इस पुलिया बहने के बाद नाले को पार करते समय...
उत्तरकाशी: दिल्ली के दो कांवड़िया उत्तराखंड में गंगोत्री-गोमुख मार्ग पर गुरुवार को उस समय उफनती नहर में बह गए जब मार्ग पर बना अस्थायी लकड़ी का पुल अचानक बढ़े जलस्तर से टूट गया। दिल्ली के रहने वाले सूरज और मोनू, चिरबासा नहर पार करते समय पुल टूट जाने से पानी की तेज धार में बह गए। जिनकी खोज की जा रही है।
ग्लेशियर पिघलने के कारण अचानक बढ़ा नदी का जलस्तर
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिस स्थान पर यह घटना घटी वह गंगोत्री से करीब नौ किलोमीटर दूर है। उन्होंने बताया कि ग्लेशियर पिघलने के कारण नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिसके चलते अस्थाई पुलिया बह गई थी। इस पुलिया बहने के बाद नाले को पार करते समय दो यात्री मोनू पुत्र किशोरी लाल, निवासी साउथ वेस्ट, दिल्ली, (31) तथा सूरज पुत्र महावीर, साउथ वेस्ट दिल्ली, (23) बह गए। जबकि उनका तीसरा साथी विकास पुत्र सुरेश (21) सुरक्षित है जो अभी गंगोत्री में है।
तत्काल वैकल्पिक पुल बनाने के भी निर्देश
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान के उपनिदेशक को नदी में बहे कांवड़ियों की तलाश करने और गोमुख में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने का निर्देश दिया है। उन्होंने चिरबासा नदी पर तत्काल वैकल्पिक पुल बनाने के भी निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि गोमुख की ओर भोजवासा के पास गढ़वाल मंडल विकास निगम के विश्राम गृह और अन्य आश्रमों में 35 तीर्थयात्री सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद है।