Edited By Nitika, Updated: 20 May, 2024 06:49 PM
![doors of shri madmaheshwar opened with rituals](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_5image_18_48_142878127563-ll.jpg)
उत्तराखंड में हिमालय की उच्च पर्वत श्रृंखलाओं पर अवस्थित पंच केदारों में प्रतिष्ठित द्वितीय केदार भगवान श्री मद्महेश्वर जी के कपाट सोमवार, पूर्वाह्न 11.15 बजे विधि-विधान से खुल गए। इस अवसर पर साढे़ तीन सौ से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे।
उखीमठः उत्तराखंड में हिमालय की उच्च पर्वत श्रृंखलाओं पर अवस्थित पंच केदारों में प्रतिष्ठित द्वितीय केदार भगवान श्री मद्महेश्वर जी के कपाट सोमवार, पूर्वाह्न 11.15 बजे विधि-विधान से खुल गए। इस अवसर पर साढे़ तीन सौ से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे।
बद्रीनाथ केदार नाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) प्रवक्ता डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट खुलने की प्रक्रिया मदमहेश्वर जी की देवडोली के पहुंचने के बाद सोमवार प्रात: दस बजे शुरू हुई। ठीक पूर्वाह्न सवा ग्यारह बजे पुजारी टी गंगाधर लिंग ने पूजा-अर्चना पश्चात बीकेटीसी अधिकारियों, हकहकूक धारियों की उपस्थिति में विधि-विधान से श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट खोल दिए।
इसके पश्चात, भगवान मदमहेश्वर जी के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप अलग कर, निर्वाण रूप तथा उसके पश्चात श्रृंगार रूप दिया गया। तत्पश्चात श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। कपाट खुलने हेतु पुष्प सेवा समिति, ऋषिकेश द्वारा मंदिर को भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था। इस अवसर पर आचार्य वदपाठीं मंदिर समिति अधिकारी-कर्मचारी एवं हक हकूकधारी मौजूद थे।