Edited By Ramanjot, Updated: 08 Jun, 2025 02:49 PM

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मणिकांत मिश्रा के अनुसार आरोपी अंकिता शर्मा उर्फ हीना रावत अभी तक कई पुरूषों को अपना शिकार बना चुकी है। वह धोखे से पहले पुरूषों को फंसाती थी और उसके बाद उन्हें ब्लैकमेल कर उनसे लाखों रुपए ठग लेती थी। मिश्रा के अनुसार,...
Nainital News: उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर में पुलिस ने शनिवार को एक सनसनीखेज घटना का खुलासा करते हुए एक ऐसी शातिर महिला ब्लैकमेलर को गिरफ्तार किया है जो लोगों को अपने प्रेमजाल में फंसा कर लाखों रुपए की ठगी करती थी।
कई पुरूषों को बना चुकी है अपना शिकार
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मणिकांत मिश्रा के अनुसार आरोपी अंकिता शर्मा उर्फ हीना रावत अभी तक कई पुरूषों को अपना शिकार बना चुकी है। वह धोखे से पहले पुरूषों को फंसाती थी और उसके बाद उन्हें ब्लैकमेल कर उनसे लाखों रुपए ठग लेती थी। मिश्रा के अनुसार, अंकिता शर्मा रूद्रपुर के भूरारानी रोड स्थित बंसुधरा फेस-1, निवासी दीपक कक्कड़ को भी अपना शिकार बना चुकी है। उसने 06 जून को तहरीर देकर आरोप लगाया कि अंकिता शर्मा नामक महिला से उसकी मुलाकात व्हाट्सएप पर हुई। उसने अपने को हाईकोर्ट का अधिवक्ता बताया। उसने धीरे धीरे उसे अपने प्रेमजाल में फंसा लिया और धोखे से पांच लाख रूपए हड़प लिए। इसके बाद महिला विवाह का नाटक कर दीपक के घर में रहने लगी।
50 हजार की रकम और फर्जी आधार कार्ड बरामद
आरोप है कि आरोपी महिला ने धीरे धीरे वादी को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और उससे 30 लाख रूपये की मांग करने लगी। पैसे न देने पर वह दीपक की हत्या और स्वयं आत्महत्या कर उसे और उसके परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगी। वादी को शक होने पर जब उसने आरोपी के बारे में जानकारी जुटाई तो चैंकाने वाले तथ्य हाथ लगे। पता चला कि अंकिता शर्मा का असली नाम हीना रावत है और वह काशीपुर के कुंडेश्वरी थाना के खरमासा की रहने वाली है। वह शादीशुदा है और शातिर ब्लैकमेलर है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने आरोपी को उदय होटल के पास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से फिरौती की 50 हजार रूपऐ की रकम और एक फर्जी आधार कार्ड बरामद हुआ है।
विदेश भागना चाहती थी आरोपी महिला
पुलिस को जांच में पता चला कि वह उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ब्लैकमेलिंग के कई मामलों को अंजाम दे चुकी है। उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। वह इन मुकदमों से बचने के लिए विदेश भागना चाहती थी। इसके लिए उसे बड़ी रकम की जरूरत थी। इसीलिये उसने शिकायतकर्ता को प्रेमजाल में फंसाया और पैसे ऐंठने के लिये उसे तरह तरह से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। वह पुरूषों को फंसाने के लिए कभी बिजनेसमैन तो कभी ब्रांड एबेसडर, ठेकेदार, हाईकोर्ट की रसूखदार अधिवक्ता बन जाती थी। वह ब्लैकमेलिंग के धंधे के लिए अलग-अलग मोबाइल और सिमकार्ड का उपयोग करती रही है। अधिकांश पीड़ित लोकलाज या फिर उसके प्रभावशाली व्यक्तित्व के चलते उसके खिलाफ मामला दर्ज कराने से कतराते रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, उसके खिलाफ उप्र और उत्तराखंड में डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमें दर्ज हैं। पुलिस ने नौ मुकदमों का हवाला दिया है। बाकी की जानकारी पुलिस जुटाने में लगी है। पुलिस ने पीड़ित अन्य लोगों से भी आगे आकर आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने में मदद करने का अनुरोध किया है।